14 मिनट की एक शॉर्ट फिल्म है! नाम है-- Salt and Pepper, प्रेम में धोखा खायी एक युवती पंखे से लटकने जा ही रही होती है कि घर में एक चोर घुस जाता है। वह भूखा है, फिर दोनों के बीच जो बातचीत होती है, वह वाकई दिलचस्प है!!
चोर जानना चाहता है कि आलीशान बंगला, माँ-बाप, धन-दौलत सबकुछ होने के बावजूद युवती आत्महत्या क्यों करना चाहती है!
युवती बताती है! फिर चोर से पूछती है, कि कुछ खाया है तुमने? वो दोनों के लिए पिज्जा ऑर्डर करती है!
पिज्जा में ऊपर से डलने वाले मसालों में से एक पैकेट Pepper (काली मिर्च) का है! चोर पिज्जा खाने से मना कर देता है और भूखा चला जाता है!
क्यों? जानने के लिए मूवी जरूर देखें!
अब आगे जो मै कहना चाहता हूँ वो पढिए!!
बेंगलुरु में ऑनलाइन खाना देने वाली कम्पनी "जोमैटो" के एक "डिलीवरी बॉय" ने खाना ऑर्डर करने वाली युवती की नाक तोड़ दी! मामले ने तूल पकड़ा! पुलिस आयी! FIR हुई है!
क़ानूनी कार्यवाही तो जो होगी, वो होगी ही! फ़िलहाल डिलीवरी बॉय को अपनी नौकरी से हाथ धोना पड़ा है!!
मैडम ने चोट लगने के तुरत बाद पहला और प्राथमिक उपचार के बाद दूसरा वीडियो जारी किया ताकि लोगों को पूरी बात पता चले!
बकौल युवती, उसने साढ़े तीन बजे खाना ऑर्डर किया, जिसे एक घण्टे बाद पहुंच जाना चाहिए था! ऑर्डर थोड़ा लेट हो गया तो मैडम ने कस्टमर केयर को फोन घुमा दिया और विकल्प दिया..... या तो ऑर्डर कैंसिल करो या देर से डिलीवर किये जाने के एवज में इसी ऑर्डर को "फ्री" करो!!
बातचीत के दौरान ही डिलीवरी बॉय ऑर्डर लेकर आ गया और मैडम ने उससे कहा कि आप "इन्तजार" करो मैं आप ही की कम्पनी से बात कर रही हूँ! शायद ऑर्डर कैंसिल करना पड़े!!
इतनी सी बात पर डिलीवरी बॉय को गुस्सा आ गया और उसने कहा कि मैं कोई "स्लेव" नहीं हूँ, जो इन्तजार करूँगा!!
बात बढ़ गयी और "डिलीवरी बॉय" ने युवती की नाक तोड़ डाली!!
यहाँ कुछ शब्दों पर गौर कीजिए!!
"डिलीवरी बॉय"
"फ्री"
"इंतजार"
"स्लेव"
आपको ये हँसता मुस्कुराता चेहरा याद है? ये भी उसी कम्पनी का एक अदना सा डिलीवरी बॉय है! इसका एक वीडियो वायरल हुआ था जिसे देखकर कम्पनी ने इसे अपने पेज पर स्थान दिया था!!
"डिलीवरी बॉय"
अपने परिवार को पालने के लिए.... या खुद के खर्चे निकालने के लिए.... या मोदी जी के शब्दों में कहें तो, "आत्मनिर्भर" बनने के लिए, युवक-युवतियाँ इस पेशे में आते हैं!!
घर-घर घूमकर खाना ही तो पहुँचाना है! थोड़ी इनकम होगी, जिससे अपने घर का, परिवार का, या पढ़ाकू है तो स्टेशनरी और कमरे का किराया वगैरह निकल आएगा!!
लेकिन! क्या कभी हमने खाना लेकर आये इस "डिलीवरी बॉय" के बारे में जानने की कोशिश की है, कि वो किन हालातों में हमारे घरों तक खाना लेकर आता है??
या कभी ये जानने की कोशिश की है, कि वो रोज मौत से दो-दो हाथ करता होगा?
या कभी आपने या हमने ये जानने की कोशिश की है, कि वो हमारे सामने "फाइव स्टार" की रेटिंग के लिए क्यों गिडगिडाता है??
नहीं! हममें से अधिकांश लोग तो घर आये उस अंजान से पानी तक नहीं पूछते!!
अमूमन होता ये है, कि जब हम किसी सर्विस के लिए पैसे खर्चते हैं, तो थोड़ी देर के लिए हम खुद को मालिक समझ बैठते हैं!!
घर में दस दिनों तक एक ही चड्डी पहनकर घूमते रहेंगे, जूत्ते कहीं... मोज़े कहीं... बनियान कहीं... पड़ा मिलेगा, तो तौलिया बास मार रही होगी!!
लेकिन जब होटल बुक करेंगे, तो फुल्ल इज्जत चाहिए! कमरे में सबकुछ दुरुस्त चाहिए! क्योंकि हमने पैसा खर्च किया है!!
मैडम को भूख लगी थी, उन्होंने खाना ऑर्डर किया! अब चूंकि पैसे लगे हैं, तो धौंस बनती है! ऐसे कैसे ऑर्डर लेट हो सकता है? लापरवाही है ये!!
मनोविज्ञान समझिये! मैडम को अब अपनी भूख मिटाने से ज्यादा कम्पनी को सबक सिखाने की पड़ी है! इसलिए अब मैडम की भूख यहाँ गायब होती दिख रही है! वरना ऑर्डर कैंसिल कराने की नौंबत ही क्यों आती??
या तो ऑर्डर कैंसिल करो, या फ्री में दो! लेकिन कम्पनी का कोई चेहरा तो है नहीं!!
तो सामने मिल गया "डिलीवरी बॉय", खाना लेकर खड़ा था बेचारा! मैडम ने कम्पनी का सारा गुस्सा उस पर निकाल दिया! "स्लेव" समझकर!!
अब एक और शब्द है- "इंतजार"
मैडम ने "डिलीवरी बॉय" से कहा कि वो "इंतजार" करे! शायद ऑर्डर कैंसिल करना पड़ेगा!
मैडम ने एक बार भी नहीं सोचा कि उन्ही जैसे किसी मैडम/ड्यूड की वजह से उनका ऑर्डर लेट हुआ होगा!!
उसने "इन्तजार" किया होगा, तभी तो खाना देर से पहुँचा और आपने बात का बतंगड़ बना दिया! हो सकता है, वहां भी ऑर्डर कैंसिल हुआ हो!!
अब आप भी इन्तजार करवाएंगी! ऑर्डर कैंसिल करवाएंगी, फिर तीसरे मैडम/ड्यूड का खाना लेट होगा! वहां भी यही बातें रिपीट होंगी!!
"डिलीवरी बॉय" कितनों की सुनेगा?
अब चलते हैं अगले शब्द की ओर! ये शब्द है- "फ्री"
देर से पहुंचा यही ऑर्डर यदि मैडम को "फ्री" में दे दिया जाए तो, उन्हें कोई शिकायत नहीं है! कोई गुस्सा भी नहीं है!!
आपको तो "फ्री" में मिल जायेगा! क्योंकि आप फर्राटेदार अंग्रेजी भी बोल लेती हैं!! लेकिन खाना लेकर खड़े इस "स्लेव" पर क्या बीतेगी, कभी सोचा है आपने??
वही बीतेगी, जो आपकी "नाक" पर बीत रही है!!
मै किसी भी प्रकार के हमले का समर्थक नहीं करता! उन हालातों का भी नहीं, जिनकी वजह से हमले होते हैं!!