अपना सफेद बालों की,
हमें तो आपके माथे की बिंदी पसंद है
क्यों फिक्र करती हो तुम,
बढ़ते हुए अपने इस वजन का,
हमें तो आपका नाजुक दिल पसंद है...
क्यों फिक्र करती हो,
कि तुम धूप में सवाली हो जाओगे,
हम तो सांवले कृष्ण के भक्त हैं,
हमें तो सांवला रंग पसंद है...
क्यों करते हो यूं हर बात की चिंता,
तुम्हें मुस्कुराते हुए देखना हमें पसंद है
क्यों फिक्र करती हो तुम,
क्रीम पाउडर लगाकर श्रृंगार करने की,
हमें तो आपके चेहरे का घुंघट पसंद है