बुधवार, जून 28, 2023

कोई फरियाद तेरे दिल में दबी हो जैसे

कोई फ़रियाद तेरे दिल में दबी हो जैसे 

तू ने आँखों से कोई बात कही हो जैसे 

जागते जागते इक उम्र कटी हो जैसे 

जान बाक़ी है मगर साँस रुकी हो जैसे 

हर मुलाक़ात पे महसूस यही होता है 

मुझ से कुछ तेरी नज़र पूछ रही हो जैसे 

राह चलते हुए अक्सर ये गुमाँ होता है 

वो नज़र छुप के मुझे देख रही हो जैसे 

एक लम्हे में सिमट आया है सदियों का सफ़र 

ज़िंदगी तेज़ बहुत तेज़ चली हो जैसे 

इस तरह पहरों तुझे सोचता रहता हूँ मैं 

मेरी हर साँस तिरे नाम लिखी हो जैसे



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