रविवार, सितंबर 17, 2023

एक हकीकत का सपना





सपने मे अपनी मौत को करीब से देखा,
कफ़न में लिपटे तन जलते अपने शरीर को देखा...
 खड़े थे लोग हाथ बांधे एक कतार में,
कुछ थे परेशान कुछ उदास थे ।

पर कुछ छुपा रहे अपनी मुस्कान थे, 
दुर खड़ा देख रहा था मैं ये सारा मंजर ।
तभी किसी ने हाथ बढा कर मेरा हाथ थाम लिया । 
और जब देखा चेहरा उसका तो मैं बड़ा हैरान था ।
 हाथ थामने वाला और कोई नहीं, 
मेरा भगवान था... 
चेहरे पर मुस्कान और नंगे पाँव था ।

जब देखा मैंने उस की तरफ जिज्ञाशा भरी नज़रों से...
तो हँस कर बोला...
"तुने हर दिन दो घडी जपा मेरा नाम था
आज प्यारे उसका कर्ज़ चुकाने आया हूँ...
रो दिया मैं अपनी बेवकूफ़ीयो पर तब ये सोच कर,
 जिसको दो घडी जपा वो बचाने आया है, 

और जिन मे हर घडी रमा रहा
वो शमशान पहुचाने आये है...
तभी खुली आँख मेरी बिस्तर पर विराजमान था, 
कितना था नादान मैं हकीकत से अनजान था...


श्रीमंत डब्यातील गरीब माणसे.......

  श्रीमंत डब्यातील गरीब माणसे....... AC च्या डब्यातील भाजणारे वास्तव............ आयुष्यात पहिल्यांदा AC ने प्रवास केला. डब्यात सेवेसाठी नेमल...