गुरुवार, अक्टूबर 01, 2020

हाथरस की बिटियाँ का रेपकांड...


१९ साल की गुढीयां थी वो,

हुआ रेप उसका लाचार थी वो...

तिल-तिल, पल-पल वह मरती रही,

थे चार अकेले वो लडती रही...

लुटी आबरू, काटी जिभ, तोडा उसे,

मिटा के भूक मरने को छोडा उसे...

२० दिन वो लडी अस्पताल के बेड पर पडी,

जब भी देखा उसे, थी उसकी आँखे भरी...

आबरू लुटने का राज खोल पाई नही,

थी कटी जीभ कुछ बोल पाई नहीं ,

बस इधर-उधर वो झांकती रही.

लाचार भाइयों को ताकती रही...

बस चार से नही, हर एक से वो छली गई,

आखिरकार रावणों को छोडकर वो  चली गई,

माँ तडपती रही, पर न बेटी से मिलाया गया,

रात के १२ बजे जबरन उसे जलाया गया,

न्यूज वाले उसकी मौत को बेंचने लगे,

नेता भी अपनी रोटियां सेंकने लगे,

मन में गुस्सा है, एक दो दिन सब गुस्सएंगे,

तीसरे दिन होते ही उसको सब भूल जाएँगे...

चौथे दिन फिर कोई हैवान तैयार होगा ,

फिर किसी मासुम बिटियाँ का रेप होगा...

 





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